रथ के रूप में किया गया था Konark Temple का निर्माण, यहां जानें इसकी अद्भुत शिल्पकला के बारे में
कोंकर्ण सूर्य मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के भुवनेश्वर से लगभग 65 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और अपनी अद्भुत शिल्पकला के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर को 12वीं शताब्दी में गंग वंश के नरसिंह देव प्रथम ने बनवाया था।
कोंकर्ण सूर्य मंदिर की शिल्पकला ओडिशा की कलिंग वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। मंदिर को एक रथ के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें 12 जोड़ी विशाल पहिए और 7 घोड़े हैं। मंदिर के शिखर पर एक विशाल स्तूप है, जो सूर्य देव को दर्शाता है (best travel blogs to read)।
मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर विभिन्न प्रकार की शिल्पकलाएं उकेरी गई हैं। इनमें पौराणिक कथाओं के दृश्य, देवी-देवताओं की मूर्तियां और नृत्य और संगीत के दृश्य शामिल हैं। मंदिर की शिल्पकला को इतनी बारीकी से उकेरा गया है कि यह एकदम वास्तविक लगती है।
कोंकर्ण सूर्य मंदिर की शिल्पकला को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- पौराणिक कथाओं के दृश्य: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर विभिन्न प्रकार की पौराणिक कथाओं के दृश्य उकेरे गए हैं। इनमें रामायण, महाभारत और पुराणों की कहानियां शामिल हैं।
- देवी-देवताओं की मूर्तियां: मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। इनमें सूर्य देव, शिव, विष्णु और देवी-देवताओं की अन्य मूर्तियां शामिल हैं।
- नृत्य और संगीत के दृश्य: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर नृत्य और संगीत के दृश्य भी उकेरे गए हैं। इन दृश्यों में विभिन्न प्रकार के नृत्य और संगीत के रूपों को दर्शाया गया है।
कोंकर्ण सूर्य मंदिर की शिल्पकला एक अनमोल विरासत है। यह मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
कुछ प्रमुख शिल्पकलाएं
- सूर्य देव का रथ: मंदिर का सबसे प्रमुख आकर्षण सूर्य देव का रथ है। यह रथ 12 जोड़ी विशाल पहियों और 7 घोड़ों से खींचा जा रहा है। रथ के शिखर पर एक विशाल स्तूप है, जो सूर्य देव को दर्शाता है।
- नृत्य और संगीत के दृश्य: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर नृत्य और संगीत के दृश्य भी उकेरे गए हैं। इन दृश्यों में विभिन्न प्रकार के नृत्य और संगीत के रूपों को दर्शाया गया है।
- देवी-देवताओं की मूर्तियां: मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। इनमें सूर्य देव, शिव, विष्णु और देवी-देवताओं की अन्य मूर्तियां शामिल हैं।
- पौराणिक कथाओं के दृश्य: मंदिर की दीवारों और स्तंभों पर विभिन्न प्रकार की पौराणिक कथाओं के दृश्य उकेरे गए हैं। इनमें रामायण, महाभारत और पुराणों की कहानियां शामिल हैं।
कोंकर्ण सूर्य मंदिर की शिल्पकला एक अद्भुत कृति है। यह मंदिर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।