क्या है काशी का मतलब?
वाराणसी का सबसे पुराना नाम काशी ही है। धार्मिक ग्रन्थों में भी इस शर का मिहिमां नड्डन काशी के नाम से ही किया गया है। ये नाम कृब 3000 ब्रसों से बोला जा रहा है। काशी को कि बार काशिका भी खा गया। एजीआर एसएचबीडी की एमटीएलबी की बात करें तो इसका एमटीएलबी है सीएमकेटीए हुआ। इसे कहा जाता है कि भगवान शिव की नगरी होने के कर्ण ये हमेशा स्वतंत्रता हुई थी। काशी शब्द का अर्थ उज्वल या दादीप्यमान से है।
वैसा की धार्मिक ग्रन्थों में इसका उल्लेख है। की रिपोर्ट में बताया गया है मौजूद ग्रंथ ऋग्वेद में भी काशी का उल्लेख है। इसके अलावा स्कंदमहापुराण में काशिख नड्ड है, जिस्मेन इस शर का जिक्र है। पुराणों के अनुसार यह आदि वैष्णव स्थान है।
क्या है बनारस की कहानी?
वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध नाम बनारस है। आज भी भूत से लोग इसे बनारस के नाम से जानते हैं। मुगलों के शासन और फिर अंग्रेजों के शासन में इसका नाम बनारस ही रहा। महाभारत में बार बार इसका जिक्र हुआ है। द्रास, इसका पाली भाषा में नाम बनारसी था और वो फिर बनारस बन गया। जहां तक बनार नाम का संबंध है, यूज बनारस नाम राजा से जोड़ जाता है, जो यहां मोहम्मद गोरी के हमले के स्मी मारे जाएंगे। खाते हैं, यहां कि जिंदगी के रंगोन को देखर मुगलों ने यह नाम रखा और इसी नाम से पुकारते रहे। इसके अलावा भी बनारस की और खानियां हैं।
वाराणसी कहां से आया नाम?
वाराणसी का भी उपलब्ध नाम है। इसका उल्लेख भी बौद्ध जातक कथाएं और हिंदू पुराणों में है। बनारस का नया नाम वाराणसी, इस पवित्र शहर से होकर गुज़रने वाली दो भारतीयों वृन्ना और असि के नाम पर रखा गया। व्रुन्ना एनडीआई और असि एनडीआई डोनो ही वरानन्सी से गुजराती हैं। यूयूएन टू वरानन्सी से कि चोटि-बड्डी भारतीय गुजराती हैं लेकिन इन दो जगहों का शहर के साथ कुछ अलग ही लगाव है। वरणसी में व्रुन्ना एनडीआई उत्तर में गंगा एनडीआई के साथ मिलती है तो असि एनडीआई डीएक्ससिन में एन गंगा से मिलती है।
बताता हूं कि 15 अगस्त 1947 से फले ही बनारस के तत्कालिन महाराजा विभूतिनारायण सिंह थे। आजादी के बाद जब अलग-अलग रियासतों का विली हो रहा था, टीबी महाराजा विभूतिनारायण सिन्ह ने अपनी रियासत के भारत में विली के पीटीआर का हस्ताक्षर कर मर गए। आजादी के बाद जब उत्तर प्रदेश बना तो इस्मेण तिहरी गढ़वाल, रामपुर और बनार रियासत को मिलाया गया। 24 मई 1956 को शहर का नाम बदल गया।
और भी हैं कई नाम?
काशी, बनार, वाराणसी के अलावा इस का नाम अविमुक्त क्षेत्र, आनंदकान, म्हाश्मशान, रुद्रवास, काशिका, टीपी: स्थली, मुक्तिभूमि, शिवपुरी, त्रिपुराआरी राजनगरी, विश्वनाथनगरी, मनदिरों का शर, भारत की धार्मिक राज धनी, भगवान शिव की नगरी, दीपोन का शहर, ज्ञान नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, कि झघ इसका नाम शङ्क्रपुरी, जितवारी, आनद्रुपा, श्रीन्ग्रि, अपुर्ण्भववाभवभूमि, शिवराजधानी, गौरीमुख, महापुरी, टीपी:स्थली, धर्मक्षेत्र, विष्णुपुरी, हृक्षसेत्र, अलर्कपुरी, नारायणवास, ब्रह्मवा जैसे, पोटली, सुदृश, जिनशिला, रम्यनगर, सुरनधन।। पुष्पवती, केतुमती, मौलिनी, काशीपुर, कासिंजर, काशीग्राम भी है।
